मुँह के कैंसर का पता लगाने में सुधार करना क्यों महत्वपूर्ण है?
मुँह में लगातार असामान्य पैच या घाव मुँह के कैंसर या मौखिक संभावित घातक विकारों (ओपीएमडी) का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। ओपीएमडी कभी-कभी मुँह के कैंसर में बदल सकते हैं, लेकिन अगर जल्दी पहचान की जाए तो रोगी के परिणामों में सुधार किया जा सकता है।
इस समीक्षा का उद्देश्य क्या है?
मुँह के कैंसर के निदान में प्रभावित ऊतक (बायोप्सी) के एक टुकड़े को शल्य चिकित्सा से हटाना शामिल है, जिसे बाद में माइक्रोस्कोप का उपयोग करके कोशिकाओं की जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है। यह रोगियों के लिए कष्टदायक है और इसमें परिणाम खोजने में देरी शामिल है। इस कोक्रेन समीक्षा का उद्देश्य कम इनवेसिव डायग्नोस्टिक परीक्षणों की सठिकता का पता लगाना था जो अधिक सामयिक परिणाम प्रदान कर सकते हैं। इस सवाल का जवाब देने के लिए कोक्रेन के शोधकर्ताओं ने 63 अध्ययनों को शामिल किया।
समीक्षा में क्या अध्ययन किया गया?
एक दृश्य परीक्षा (visual examination) के अलावा उपयोग किए गए तीन परीक्षणों का मूल्यांकन किया गया।
- वाइटल स्टेन: एक तरल जिसे माउथरिन्ज़ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है या मुँह के संदिग्ध असामान्य क्षेत्र पर सीधे लगाया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि कोई भी क्षेत्र जो इस तरल को लगाने के बाद रंगीन होता है, मुँह के कैंसर या ओपीएमडी होने की संभावना अधिक होती है।
- ओरल साइटोलॉजी: संदिग्ध असामान्य क्षेत्र से कोशिकाओं को हटाने के लिए एक ब्रश का उपयोग किया जाता है जिसे सूक्ष्म परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाता है।
- लाइट-बेस्ड डिटेक्शन: मुँह में एक विशेष रोशनी चमकती है जिसके बारे में माना जाता है कि कैंसर वाले क्षेत्रों को स्वस्थ क्षेत्रों से अलग दिखाई देता है।
कुछ अध्ययनों ने इन परीक्षणों के संयोजन का मूल्यांकन किया। किसी भी अध्ययन ने रक्त या लार के परीक्षण की सठिकता का मूल्यांकन नहीं किया।
समीक्षा के मुख्य परिणाम क्या हैं?
समीक्षा में 63 अध्ययन शामिल थे जिनमें 7942 असामान्य पैच या मुँह के छाले शामिल थे। प्रत्येक अध्ययन प्रतिभागी ने एक या एक से अधिक नैदानिक परीक्षणों के साथ-साथ एक सर्जिकल बायोप्सी की।
सर्जिकल बायोप्सी के माध्यम से पहचाने गए मुँह के कैंसर या ओपीएमडी वाले शामिल अध्ययनों में लोगों का अनुपात व्यापक रूप से 4% से 97% तक था। यूनाइटेड किंगडम में सामान्य दंत चिकित्सा पद्धतियों में भाग लेने वाले वयस्कों के आधार पर, 1000 घावों के नमूने में 25 मुँह का कैंसर या ओपीएमडी होते हैं, और 975 घाव मुँह का कैंसर या ओपीएमडी नहीं होते हैं।
- वाइटल स्टेनिंग के साथ जांचे गए 1000 घावों में से: 22 को मुँह के कैंसर या ओपीएमडी (वास्तविक सकारात्मक) के रूप में सही ढंग से पहचाना जाएगा, लेकिन तीन घाव जो वास्तव में मुँह के कैंसर या ओपीएमडी हैं, उनका पता नहीं चल पाएगा; उनके 'नकारात्मक' परिणाम गलत (मिथ्या नकारात्मक) होंगे। 663 घावों की सही ढंग से पहचान की जाएगी कि उन्हें मुँह का कैंसर नहीं है या ओपीएमडी नहीं है (सही नकारात्मक) , लेकिन 312 लोगों की गलत पहचान की जाएगी; उनके 'सकारात्मक' परीक्षण के परिणाम बताते हैं कि उन्हें मुँह का कैंसर है या ओपीएमडी है (मिथ्या सकारात्मक) ।
- मौखिक कोशिका विज्ञान के लिए: मुँह के कैंसर या ओपीएमडी (वास्तविक सकारात्मक) के रूप में 23 घावों की सही पहचान की जाएगी, लेकिन दो घाव जो वास्तव में मुँह के कैंसर हैं या ओपीएमडी हैं, उनका पता नहीं लगाया जाएगा (गलत नकारात्मक)। 917 घावों को मुँह के कैंसर या ओपीएमडी (सही नकारात्मक) नहीं होने के रूप में सही ढंग से पहचाना जाएगा, लेकिन 58 घावों को गलत तरीके से पहचाना जाएगा (झूठे सकारात्मक)।
- प्रकाश-आधारित परीक्षणों के लिए: मुँह के कैंसर या ओपीएमडी (वास्तविक सकारात्मक) के रूप में 22 घावों की सही पहचान की जाएगी, लेकिन दो घाव जो वास्तव में मुँह के कैंसर हैं या ओपीएमडी हैं, उनका पता नहीं लगाया जाएगा (गलत नकारात्मक)। 488 घावों को मुँह के कैंसर या ओपीएमडी (सही नकारात्मक) नहीं होने के रूप में सही ढंग से पहचाना जाएगा, लेकिन 487 घावों को गलत तरीके से पहचाना जाएगा (झूठे सकारात्मक)।
महत्वपूर्ण धुंधलापन और प्रकाश-आधारित परीक्षणों की सठिकता में काफी परिवर्तनशीलता थी, जिसका अर्थ था कि भविष्य के अध्ययन के परिणाम मूल्यों की एक विस्तृत श्रृंखला ले सकते हैं।
इस समीक्षा में अध्ययन के परिणाम कितने विश्वसनीय हैं?
कई अध्ययनों में कमियां थीं जो उन्हें पूर्वाग्रह के उच्च जोखिम में डालती थीं। हमने साक्ष्य की निश्च्चितता को मौखिक कोशिका विज्ञान के लिए मध्यम और शेष परीक्षणों के लिए कम या बहुत कम के रूप में मूल्यांकित किया।
इस समीक्षा के परिणाम किस पर लागू होते हैं?
समीक्षा में शामिल अध्ययन कई अलग-अलग देशों में किए गए लेकिन अफ्रीका में कोई अध्ययन शुरू नहीं हुई। अधिकांश अध्ययन अस्पतालों में पूरे किए गए। अध्ययन 1980 और 2020 के बीच प्रकाशित किए गए थे।
इस समीक्षा के निहितार्थ क्या हैं?
हालांकि साइटोलॉजी सभी परीक्षणों में सबसे सठिक थी, सर्जिकल बायोप्सी और पैथोलॉजी मूल्यांकन के वर्तमान में उपयोग किए जाने वाले मानक के प्रतिस्थापन के रूप में अनुशंसित नहीं किया जा सकता है। अधिकांश अध्ययनों ने उन रोगियों की जांच की जिन्हें आगे की जांच के लिए एक अस्पताल क्लिनिक में भेजा गया था और इसलिए हमारे पास केवल सीमित जानकारी है कि जब वे सामान्य दंत चिकित्सक या फ्रंटलाइन चिकित्सा प्रदाता द्वारा उपयोग किए जाते हैं तो वे कितने सठिक होंगे।
यह समीक्षा कितनी अद्यतित है?
समीक्षा लेखकों ने 20 अक्टूबर 2020 तक प्रकाशित अध्ययनों की खोज की और उनका उपयोग किया।
यह अनुवाद Institute of Dental Sciences (Siksha ‘O’ Anusandhan) - Cochrane Affiliate Centre, India द्वारा किया गया है। कृपया अपनी टिप्पणियाँ ids.cochrane@soa.ac.in पर भेजें। (Translators: Neeta Mohanty, Gunjan Srivastava, Lora Mishra & Saurav Panda)